Is Anger Harmfull ? – Aadishri Arun
Aadishri Arun arrived on Indian Soil to establish peace. He said to the people on 1st Jan 2018 Meeting – how peace will establish ?
Aadishri Arun arrived on Indian Soil to establish peace. He said to the people on 1st Jan 2018 Meeting – how peace will establish ?
Aadishri Arun arrived on Indian Soil to tell the people “Change your Fate and Save yourself from the Cycle of Death & Birth”
नौ द्वार (Nine gates) से संसार जुड़ा है। इन नौ द्वार के बिना संसार नहीं जुड़ सकता। शब्द के बिना कोई भी आदमी दसम द्वार से नहीं जुड़ सकता। दसवां द्वार से परमेश्वर के घर का मार्ग जुड़ा है। परमेश्वर के घर जाने का मार्ग दसम द्वार से मिलेगा। ज्यों – ज्यों तुम नाम की कमाई करोगे त्यों – त्यों दसम द्वार के करीब पहुंचोगे। इसलिए नाम जप सिख कर सेवा करो। जोड़ मत लगा बल्कि परमेश्वर से प्रेम कर तब दसवां द्वार खुल जायेगा। दसमा द्वार खोलने का प्रेम ही कोड (CODE) है। तुम्हारे अन्दर प्रेम कब जन्म लेगा ? जब तुम “मेरा ” और “तेरा ” (मेरा राग को कहते हैं और तेरा द्वेष को कहते हैं। जो अच्छा लगे वह मेरा है और जो अच्छा नहीं लगे वह तेरा है) अर्थात राग और द्वेष को छोड़ दोगे। यही “राग और द्वेष ” भगवन की प्राप्ति में सबसे बड़ा रुकावट है।
गुरूद्वारे तक पहूँचना और बात है और गुरु का वचन पालन कर परमेश्वर तक पहुँचना और बात है। संसार तक पहुँचने के लिए नौ दरवाजे (Nine gates) हैं परन्तु परमेश्वर तक पहुँचने के लिए केवल एक ही दरवाजा है वह है दसम द्वार और वह भी बन्द है। मनुष्य का जब हजारों जन्म का पूण्य फल एक जगह इकट्ठा होता है तब उसको सच्चा गुरु मिलता है। अर्थात कम से कम एक हजार जन्म के बाद सच्चा गुरु से मुलाकात होने की सम्भावनाएँ होती है और जब मनुष्य गुरु के शरण में जाता है तो वह गुरु कृपा करके परमेश्वर तक पहुँचने की युक्ति को सिख देता है। इसी युक्ति को सूरत शब्द योग कहते हैं। वह गुरु जिसको अगम धारा कहते हैं वह पाँच मण्डलों को पार परमेश्वर का घर है वहाँ तक पहुंचने की युक्ति सिखा देता है और परमेश्वर का पांच नाम दान में दे देता है। उसी पांच नाम का सुमिरन करता हुआ मनुष्य अनामी देश के प्रकाश घर तक पहुंच जाता है और तब उसकी चाह मिट जाती है ।