मन्नत सभा उत्सव

1 जनवरी 2018 को मन्नत सभा उत्सव के साथ – साथ नव वर्ष एवं आदिश्री का जन्म दिवस बड़े उत्साह के साथ मनाया गया जिसमें आदिश्री ने लोगों को “संसार में बिखरे हुए लोगों ” से सम्बोधित किया और कहा कि लोगों ने खुद से अपने आत्मा पर अनगिनत और ऐसा पक्का दाग लगा लिया कि अब आत्मा का रंग ही बदल गया । अब इस पर कितने भी साबुन रगड़ दो दाग छूटने वाला नहीं है ।

शुरू में आत्मा का रंग सफेद था जिसमें 100 % पवित्रता थी, 100 % ईमानदारी थी, 100 % दयालुता था,100 % प्यार था, 100 % सेवा भाव था किन्तु आज आत्मा का रंग साफ बदल गया है। 100 % पवित्रता की जगह 100 % अपवित्रता आगया है, 100 % ईमानदारी की जगह 100 % बेईमानी आगया है, (more…)

प्रभु कल्कि आपको बुला रहे हैं

ईश्वर ने अपने पुत्रों को कभी भी अपने से अलग करना नहीं चाहा। उसने मनुष्यों को इसलिए रचा ताकि ताकि वे ईश्वर के हमेशा साथ रहे । वे चाहते थे मनुष्य हमेशा मुझसे रिलेशनशिप बनाये रखे और उनके तथा ईश्वर के बीच एक ऐसा रिलेशनशिप बन जाय ताकि वे ईश्वर से कभी भी अलग न हो सके । किन्तु शैतान ने मनुष्य को भरमा दिया और मनुष्य शैतान का कहना मानने के कारण ईश्वर से दूर हो गया । ईश्वर के द्वारा जो उसको अनन्त जीवन मिलना था उससे वह वंचित रह गया। यही कारण है कि मनुष्यों की मृत्यु होने लगी ।

अब मनुष्य दुखों की बदियों से गुजरने लगा, वह मृत्यु के वादियों से होकर गुजरने लगा और इन सब को देख कर उनके मन में भय समा गया । सबसे पहली बार भय या डर ईश्वर को छोड़ते ही उनके अन्दर समा गया। इससे पहले वे नहीं जानते थे कि भय किसको कहते हैं या डर किसको कहते हैं।
आज ईश्वर मनुष्य को मृत्यु से बचाने धरती पर कल्कि नाम से आये हैं और अपने पुत्रों को ढूँढ रहे हैं । वे अपने पुत्रों को अनन्त जीवन देने के लिए आए हैं ताकि मनुष्यों को मृत्यु से छुटकारा मिले । वे बाहें फैला कर अपने पुत्रों को ढूँढ रहे हैं। वे इन्तजार कर रहे हैं की उनका पुत्र उनके बाँहों में वापस आ जाय । (more…)

भगवन कल्कि जी ने कहा – संस्कार बदलो

आज के दिन 99 % लोगों का कलियुगी संस्कार है, 1 % लोग अपवाद में आते हैं कीचड़ में कमल भी खिलते हैं । आज जिस संस्कार में लोग जी रहे हैं उस संस्कार के अनुसार भारतीय सभ्यता बिल्कुल ही खतम हो चुका है । आज के लोगों का सोच का जो समीकरण है वह साफ विपड़ित है । पहले लोगों में 100 % Honesty थी अब 100 % बेईमानी है । जब बच्चे की नौकरी लगाती है तो लोग या रिश्तेदार सबसे पहले पूछते हैं कि ऊपरी कमाई कितना है ? पहले लोगों में दया की भावना थी, अब लोगों में बात – बात पर झगड़ा करने की रूचि है। पहले एक परिवार में 15 – 15 आदमी बड़े सुख – चैन से रहते थे पर अब माँ – बाप और दो बच्चे भी सुख – चैन से नहीं रहते । पहले बहु अपने से बड़ों को इज्जत Respect देती थी, अपने सास – ससुर को Respect देती थी और आज उनके जेहन में Respect नाम का कोई चीज ही नहीं रहा । पहले बेटा अपने से बड़ों को और अपने माता – पिता को Respect देता था और आज उनके जेहन में Respect नाम का कोई चीज ही नहीं रह गया । (more…)

God Cares of you / ईश्वर आपकी हिफाजत करते हैं

(आदिश्री अरुण)

हिफाजत करने का अर्थ क्या है ? हिफाजत करने का अर्थ है एक निश्चित व्यक्ति को सुरक्षा प्रदान करना या कुछ विशेष चीज देना या कुछ विशेष चीज देना जो उसके लिए जरुरी है । दूसरे शब्दों में यह कह सकते हैं कि यह एक व्यवस्था है जिसमें लोग मानसिक रूप से विमार हैं इसके बाबजूद भी उसको अस्पताल में न रख कर इलाज अथवा उपचार लेते हुए घर में रहने के लिए अनुमति देते हैं ।

मैं, आदिश्री, पूर्ण ब्रह्म का प्रतिबिम्ब, यह घोषणा करता हूँ कि ईश्वर आपके रचैता हैं । मैं इस बात की गवाही देता हूँ कि ये वही हैं जिन्होंने आपको आनन्द से रहने के लिए सब प्रकार की सुख – सुविधा प्रदान किए हैं , जिन्होंने आपको संभल करने की यानि कि हिफाजत करने की प्रतिज्ञा किया है और जिसने आपको धमकी दी है कि आपकी मृत्यु निश्चित है उसके वचन को झुठलाने ले लिए आपको मृत्यु से बचाता है । इसलिए मृत्यु से आपका भय यह दर्शाता है कि आप ईश्वर में विश्वास नहीं करते हैं अथवा आपको ईश्वर के द्वारा दिए गए वचन (प्रतिज्ञा) पर विश्वास नहीं है और यहाँ तक कि आपको अपने रचैता जो जीवन के स्रोत हैं उन पर भरोसा नहीं है कि वे आपकी हिफाजत करेंगे । जिनकी कृपा भविष्य में भी बनी रहेगी उनके ऊपर भरोसा करने की जगह आपका आत्म विश्वास कमजोर हो जाता है । इसलिए आप ठीक से नहीं सोच पते हैं क्योंकि आपको अपने बलबूते पर घमंड है, आपको अपने सामर्थ्य पर ईश्वर से ज्यादा भरोसा है । (more…)