हम ध्यान क्यों करें ?
ध्यान ही परम धर्म है, ध्यान ही परम शुद्धि है। इसलिए मनुष्य को ध्यान परायण होना चाहिए। प्रति दिन ध्यान करने से जो लाभ प्राप्त होते हैं वे निम्नलिखित हैं :-
(१) ध्यान करने वाले मनुष्य के प्राण वायु की दिशा ऊर्ध्व अर्थात ऊपर की ओर हो जाती है जिससे मृत्यु के समय जीव को शरीर का त्याग करते समय कोई कष्ट नहीं होता है। सामान्य मनुष्य को मृत्यु के समय शरीर का त्याग करते वक्त इतनी पीड़ा होती है जैसे हजार बिच्छु एक साथ डंक मार दिए हों।
(२) इस लोक में और परलोक में मनुष्य के लिए जो कुछ दुर्लभ है, जो मन से सोचा भी नहीं जासकता है, वह सब बिना मांगे ही ध्यान करने वालों को मिल जाता है।
(३) पाप करने वालों की शुद्धिकरण हेतु ध्यान के समान कोई और अन्य दूसरा साधन नहीं है।
(४) ध्यान पुनर्जन्म देने वाले कारणों को भष्म करने वाली योगाग्नि है।
(५) दुःख – सागर को पार करने के लिए ध्यान ही सर्वोत्तम साधन है। इससे अच्छा साधन कुच्छ भी नहीं है। (more…)