आज ईश्वर आपको क्या देना चाहते हैं
ईश्वर ने देखा कि मनुष्य का हृदय बहुत ही कमजोर है और उसका हृदय हमेसा ही चिंता , दुख और मानसिक तनाव को जन्म देता है। इसलिए ईश्वर ने यह फैसला किया कि मनुष्य ने जितना कुछ खोया है उसका मैं दूना दूंगा। इस उद्देश को पूरा करने के लिए ईश्वर ने माया को अपने अधीन कर अपने को एक साधारण मनुष्य के रूप में रचा और कल्कि नाम से धरती पर आया। राधा जी के प्रार्थना को सुनकर ईश्वर मथुरा-वृन्दावन के बोर्डर पर स्थित संभलग्राम में अवतार लेकर आए। उनके अवतार लेने का दूसरा उद्द्येश देवताओं तथा एवं पवित्र लोगों को सुरक्षा प्रदान करना दुष्ट एवं पापियों को नाश करना भी है। वह ईश्वर बैशाख मॉस के शुक्ल पक्ष द्वादशी तिथि को विष्णुयश के घर अवतार लेकर आये। ईश्वर आपको वास्तविक चीज देना चाहते हैं जिसका विनाश न हो और आपके पापों को क्षमा कर देना चाहते हैं। वे आपको सुरक्षा प्रदान करना चाहते हैं तथा जो चीज आपने खो दिया उस चीज को दूगु ना मात्रा में देना चाहते हैं। परन्तु आप ईश्वर में विश्वास रखिये और ईश्वर के विश्वास योग्य बनिए। क्योंकि एक सच्चे मनुष्य पर बहुत से आशीर्वाद बरसते रहते हैं। परन्तु जो धनी होने में उतावली करता है वह निर्दोष नहीं ठहरता। जिसका मन ईश्वर पर धीरज धरे हुए है और जो ईश्वर पर पूर्ण भरोसा रखे हुए है उसको ईश्वर पूर्ण शान्ति के साथ रक्षा करता है। इसलिए ईश्वर के ऊपर हमेसा भरोसा रखो क्योंकि ईश्वर सनातन चट्टान हैं। वह ऊँचे पद वाले को झुका देता है , जो नगर ऊँचे भूमि पर बसा है उसको वह नीचा कर देता है। उस ईश्वर पर आप भरोसा रखें तो वह ईश्वर आपको बल तथा शान्ति देंगे। ईश्वर चाहते हैं कि मनुष्य मुझमें मन को लगाए , मुझमें ही बुद्धि को लगाए ,मुझमें अनन्य चित्त होकर सदा ही निरंतर मुझ ईश्वर को ही स्मरण करता रहे। तब मैं मनुष्य को उस का दूगुना दूंगा जिसको उसने खो दिया है। यह मेरा मनुष्य से वादा है।